सिंधिया को राज्यसभा में भेज सकती है भाजपा

सिंधिया को राज्यसभा में भेज सकती है भाजपा



भोपाल । पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जिस तरह से अपनी पार्टी के खिलाफ मुखर हो रहे हैं…और जिस तरह से पहले उन्होंने पार्टी की गाइड लाइन के विपरीत पहले धारा 370 और फिर सीएए के समर्थन में बयान दिए…और अब कमलनाथ सरकार के खिलाफ जनता के साथ सड़क पर उतरने वाला बयान दिया है…उससे ऐसा माना जा रहा है कि सिंधिया ने पार्टी के खिलाफ साइलेंट विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि ऐसे में सिंधिया जल्द भाजपा का दामन थाम सकते हैं और भाजपा उन्हें राज्यसभा में भेज सकती है।

इसी बीच कमलनाथ के कट्टर समर्थक एवं प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरूण यादव ने नया शिगूफा छोड़ा है कि प्रिंयका गांधी को मप्र से राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए, क्योंकि मप्र में अनुसूचित जाति-जनजाति का बाहुल्य है और यह वर्ग हमेशा गांधी परिवार की पसंद रहा है। माना जा रहा है कि सिंधिया की राज्यसभा और पीसीसी चीफ ही राह में रोड़ा अटकने के लिए इस तरह की बातें की जा रही हैं।

क्यों नाराज हैं सिंधिया

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह किसी भी कीमत पर नहीं चाहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मप्र में कांग्रेस का नया शक्ति केंद्र बनें। इसीलिए ये दोनों नेता सिंधिया के पीसीसी चीफ बनने में तो रोड़ा हैं ही, इसके साथ वे यह भी नहीं चाहते हैं कि सिंधिया राज्यसभा में भी जाएं। जबकि विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के सीएम की कुर्सी पर काबिज होने के बाद यह बिल्कुल तय हो गया था कि अब सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाया जाएगा। लेकिन तब से अब तक पीसीसी चीफ का मुद्दा पार्टी लगातार टालती आ रही है। बताते हैं कि इन्हीं वजहों से नाराज होकर सिंधिया ने कमलनाथ सरकार और पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

यदि प्रियंका मप्र कोटे से राज्यसभा जाती हैं तो क्या होगा?

कांग्रेस की ओर से अभी राज्यसभा के लिए दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दावेदार हैं और दोनों ही राजघराने से हैं। प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने के बाद दोनों को राज्यसभा में भेजना कांग्रेस के लिए मुश्किल फैसला हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस के पास बेहतर विकल्प यह है कि वह एक सीट पर प्रियंका को राज्यसभा भेजे और सिंधिया और सिंह में से किसी एक को दूसरे प्रदेश में भेज दे।