सीएए-एनआरसी के विरोध में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के 17 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया
बुरहानपुर। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सहित 17 पदाधिकारियों ने इस्तीफा देकर पार्टी का साथ छोड़ दिया। सामूहिक इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म और जातिवाद की सियासत कर रही है। यह हमें मंजूर नहीं। अब पार्टी का साथ देना मुश्किल है। हालांकि इस्तीफा देने के बाद पदाधिकारियों ने कांग्रेस को समर्थन देने से इनकार किया है। उन्होंने कहा हम कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। बुरहानपुर जिले में 24 % आबादी अल्पसंख्यकों की है। इनका साथ छूटने से निकाय व पंचायत चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।
प्रदेश उपाध्यक्ष शहजाद अख्तर और पूर्व जिला महामंत्री इफ्तेखार अली ने कहा कि भाजपा का हमने हर कदम पर साथ दिया। नोटबंदी को भी सहा, धारा 370 का समर्थन किया, तीन तलाक कानून और राम मंदिर फैसले को भी माना लेकिन नया कानून धर्म और जातिगत भेदभाव का है। इसे हम पर थोपा नहीं जा सकता।
इस्तीफा देने वाले पदाधिकारी सांसद चौहान के करीबी
इस्तीफा देने वाले लगभग सभी पदाधिकारी सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। अब उनका इस्तीफा देना सांसद के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हालांकि इस्तीफा देने वालों में माेर्चा जिलाध्यक्ष हिदायत उल्ला का नाम नहीं है।
पूर्व राष्ट्रीय सचिव बोले- किसी चुनाव में नहीं करेंगे भाजपा का प्रचार
अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव रहे वरिष्ठ नेता मोईन अंसारी ने कहा भाजपा का 40 साल से सदस्य हूं। वर्तमान में पार्टी अपनी नीतियों से भटक गई है। 1979 में हमने भाजपा की सदस्यता ली थी, तब कुशाभाऊ ठाकरे और अटलबिहारी वाजपेयी जैसे नेता थे। तब पार्टी में स्वदेशी की बात होती थी। अब सिर्फ चेहरों पर चुनाव होता है। अब किसी चुनाव में भाजपा का प्रचार नहीं करेंगे। अंसारी पहले भी सार्वजनिक मंच से सीएए का विरोध कर चुके हैं।
जितने लोगों ने इस्तीफा दिया है, उनके साथ बैठक कर समझाइश देंगे कि यह कानून किसी के खिलाफ नहीं है। जागरुकता अभियान के तहत सबकी बैठक लेकर कानून संबंधी जानकारी दी थी लेकिन यह कदम क्यों उठाया, हम यह समझ नहीं पाए हैं।
विजय गुप्ता, जिलाध्यक्ष भाजपा